माणिक्यलाल वर्मा का जीवन परिचय | manikya lal varma hindi biography

माणिक्यलाल वर्मा का जीवन परिचय | manikya lal varma biography hindi


माणिक्यलाल वर्मा का जीवन परिचय | manikya lal varma biography hindi


माणिक्यलाल वर्मा का जीवन परिचय 


माणिक्यलाल वर्मा का जन्म 1897 ई. में बिजौलिया के एक कायस्थ परिवार में हुआ। शिक्षा समाप्त कर ये बिजौलिया ठिकाने की नौकरी करने लगे। विजयसिंह पथिक की प्रेरणा से इन्होने ठिकाने की नौकरी छोड़ दी और किसान आंदोलन में सम्मिलित हो गए। इन्होने अपने भाषणों एवं कविता द्वारा किसानो में जागृति पैदा की। वर्मा जी का पंछीडा नामक गीत बहुत लोकप्रिय हुआ। 

माणिक्यलाल वर्मा की रचनाएँ 

माणिक्यलाल वर्मा ने बिजोलिया किसान आन्दोलन (1897-1941 ) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जो विश्व का सबसे लम्बे समय तक चलने वाला अहिंसक आंदोलन था। इन्होने "मेवाड़ का वर्तमान शासन" नामक पुस्तक की रचना की थी। इन्होंने ही "पंछीडा" शीर्षक से एक गीत लिखा था जिसने आंदोलनरत किसानों में जोश भर दिया था।    

माणिक्यलाल वर्मा से जुडी अन्य जानकारी 

  • 1938 ई. में वर्माजी पुनः मेवाड़ लौटे। 
  • 1938 ई. में इन्होने हरिपुरा कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया, जहाँ कांग्रेस ने रियासतों के प्रति अपनी नीति की घोषणा की। 
  • 24 अप्रैल, 1938 ई. को वर्माजी के सक्रिय सहयोग से मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना हुई। कुछ समय बाद इन्हें मेवाड़ से निष्कासित कर दिया गया। वर्माजी ने मेवाड़ राज्य में नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष किया तथा अजमेर से मेवाड़ का वर्तमान शासन नामक एक छोटी सी पुस्तिका प्रकाशित की जिससे मेवाड़ सरकार क्रुद्ध हो गई। 
  • 2 फरवरी , 1939 को वर्माजी को देवली के निकट ऊँचा गाँव से गिरफ्तार कर मेवाड़ सीमा में लाया गया तथा उनके साथ अमानुषिक व्यवहार किया गया।
  • बिजोलिया किसान आंदोलन में भाग लेने के कारण माणिक्य लाल वर्मा को उदयपुर राज्य से निष्कासित कर दिया गया था।
  • माणिक्य लाल वर्मा उदयपुर से निष्कासित होकर अजमेर आ गए और वहां पर उन्होंने प्रेस के माध्यम से प्रजामंडल आंदोलन का प्रचार किया।
  • माणिक्य लाल वर्मा ने अजमेर में रहते हुए मेवाड़ प्रजामंडल स्थापित करने की योजना बनाई।
  • मेवाड़ प्रजामंडल को संगठित करने में भी माणिक्य लाल वर्मा जी ने अनुकरणीय कार्य किया।
  • माणिक्यलाल वर्मा को समाज सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1965 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
  • स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वृह्त्तर राजस्थान के प्रधानमंत्री भी बने। इसके बाद 14 जनवरी, 1969 ई. को वर्मा जी का निधन हो गया।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ