बालमुकुन्द बिस्सा का जीवन परिचय | Balmukund Bissa Hindi

बालमुकुन्द बिस्सा का जीवन परिचय |  Balmukund Bissa Hindi Biography 


Balmukund Bissa Hindi Biography : बालमुकुंद बिस्सा महात्मा गांधी के विचारों से काफी प्रभावित थे। बिस्सा एक गांधीवादी नेता के रुप में जाने जाते थे। साल 1934 में उन्होंने चरखा एजेंसी और खादी भंडार की स्थापना भी की। जोधपुर के जालोरी गेट चौराहे पर लगी प्रतिमा स्वतंत्रता सेनानी बाल मुकुंद बिस्सा की है। जिनका जन्म नागौर में डीडवाना के पीलवा गांव में हुआ था। बिस्सा का संबंध पुष्करणा ब्राह्मण समाज से था। उनका जन्म 24 दिसंबर 1908 को हुआ था। उनके पिता के कोलकाता में व्यापार थे।

बालमुकुन्द बिस्सा का जीवन परिचय |  Balmukund Bissa Hindi Biography

बालमुकुन्द बिस्सा का जीवन परिचय

बालमुकुन्द बिस्सा का जन्म 1908 में जोधपुर राज्य की डीडवाना तहसील के पिलवा गांव में एक पुष्करणा ब्राम्हाण परिवार में हुआ था। 

बालमुकुन्द बिस्सा के पिता का व्यवसाय कोलकाता में था लिहाजा पूरा परिवार वहीं पर रहता था। बालमुकुंद बिस्सा की पढ़ाई भी कोलकाता में ही हुई थी। साल 1934 में वे कोलकाता से जोधपुर लौटे और यहीं पर व्यापार शुरु किया। बालमुकुंद बिस्सा महात्मा गांधी के विचारों से काफी प्रभावित थे। बिस्सा एक गांधीवादी नेता के रुप में जाने जाते थे। साल 1934 में उन्होंने चरखा एजेंसी और खादी भंडार की स्थापना भी की। बिस्सा की "जवाहर खादी" नाम की दुकान आजादी की लड़ाई में भाग लेने वाले क्रांतिकारियों के मिलने और रणनीति बनाने का ठिकाना बन गई थी।
         
 
इनकी जवाहर खादी नाम की दुकान क्रांतिकारियों का मिलन स्थल बन गई। 1940 में इन्होने जोधपुर आंदोलन का संचालन किया। जयनारायण व्यास के नेतृत्व में उत्तरदायी शासन को लेकर आंदोलन चला। बढ़ते आंदोलन को दबाने के लिए अंग्रेज सरकार ने 9 जून 1942 को 'भारत रक्षा कानून' के तहत जेल में डाल दिया। वे लंबे समय तक जोधपुर की जेल में बंद रहे। जेल में रहते हुए उन्होंने कैदियों के अधिकारों की लड़ाई भी लड़ी। कैदियों को मिलने वाले खराब भोजन के खिलाफ जेल में ही उन्होंने गांधीवादी तरीके से भूख हड़ताल शुरु कर दी।

जेल में ख़राब भोजन के विरोध में इन्होने भूख हड़ताल कर दी। गर्मी के दिन और भूखे पेट रहने से बिस्सा का स्वास्थ्य ख़राब हो गया। जिसके कारण 19 जून 1942 को स्वतंत्रता के इस मोंन साधक का पुलिस के पहरे में जोधपुर के बिंडम अस्पताल में निधन हो गया।

राजस्थान के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में

राजस्थान के स्वतंत्रता संग्राम कि कहानी भारत के स्वतंत्रता संग्राम से भिन्न है जहा भारत को केवल अंग्रेजी शासको से संघर्ष करना पड़ा वही राजस्थान के निवासियो को जागीदारो और सामंतो , राजाओ और राज परिवार के सदस्यों , तथा ब्रिटिश शासको से चौतरफा संघर्ष करना पड़ा। यही कारण है कि राजस्थान का स्वतंत्रता संग्राम चार आंदोलनों के रूप में चला। 
पहला किसान आंदोलन दूसरा जनजातीय आंदोलन तीसरा क्रन्तिकारी आंदोलन चौथा प्रजा मण्डल आंदोलन। 

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FAQ. 

1. बालमुकुन्द बिस्सा का जन्म कब हुआ था ?

1908 में 

2. चरखा एजेंसी और खादी भंडार की स्थापना कब की गई ?

1934

3. 9 जून 1942 में बालमुकुन्द बिस्सा को किस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया ?

भारत रक्षा कानून' के तहत

4. बालमुकुन्द बिस्सा की मृत्यु कब और कहा हुई ?

गर्मी के दिन और भूखे पेट रहने से बिस्सा का स्वास्थ्य ख़राब हो गया। जिसके कारण 19 जून 1942 को स्वतंत्रता के इस मोंन साधक का पुलिस के पहरे में जोधपुर के बिंडम अस्पताल में निधन हो गया।


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