सौरमंडल के बाहर मिला 'दर्पण' जैसा ग्रह, शुक्र से भी ज्यादा चमकीला | discovered new planet in hindi

सौरमंडल के बाहर मिला 'दर्पण' जैसा ग्रह, शुक्र से भी ज्यादा चमकीला | discovered new planet in hindi

सौरमंडल के बाहर मिला 'दर्पण' जैसा ग्रह, शुक्र से भी ज्यादा चमकीला | discovered new planet in hindi

यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) के वैज्ञानिकों ने सौर मंडल, के बाहर अनूठे ग्रह एलटीटी9779बी की खोज का दावा किया है। यह बेहद गर्म और अनोखा ग्रह है।

ये ग्रह अपने सितारे के बेहद नजदीक है और अंतरिक्ष में अब तक का सबसे चमकीला भी। यह ग्रह इतना चमकीला है कि वैज्ञानिकों ने इसे अंतरिक्ष में टंगे एक दर्पण की संज्ञा दी है। एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स मैग्जीन में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि नेप्च्यून के आकार का यह ! ग्रह सूरज जैसे एक सितारे की 19 घंटे में परिक्रमा पूरी करता है।

यह ग्रह है इसलिए चमकीला

वैज्ञानिकों का दावा है कि यह ग्रह टाइटेनियम और सिलिका के बादलों में लिपटा हुआ है। इस पर पड़ने वाला 80 फीसदी प्रकाश परावर्तित हो जाता है। ईएसए के एक्सोप्लेनेट (सौर मंडल के बाहर ग्रहों की खोज) मिशन चेप्स के डेटा की मदद से इस ग्रह की खोज की गई है। वैज्ञानिकों ने यूरोपीय स्पेस एजेंसी की अंतरिक्ष में चक्कर लगाते सैटेलाइट चेप्स की दूरबीन से इसका अध्ययन किया है।

पृथ्वी से 50% ज्यादा रोशनी परावर्तित

सौरमंडल में सबसे परावर्तक ग्रह शुक्र को माना जाता है। चांद के बाद ये पृथ्वी से दिखने वाली सबसे चमकीला ग्रह है। वैज्ञानिकों का दावा है कि नया ग्रह अपने ऊपर पड़ने वाले 80% प्रकाश को परावर्तित करता है। जबकि पृथ्वी मात्र 30% प्रकाश को परावर्तित करती है

तापमान 1,800 डिग्री सेल्सियस

सूरज जैसे ग्रह से कम दूरी के कारण एलटीटी9779बी को तापमान लगभग 1,800 डिग्री सेल्सियस रहता है, जो कि पिघलते उबलते लावा से भी ज्यादा है। इतने अधिक तापमान के कारण वहां अपनी तरह का एक वातावरण मौजूद है। अनुमान है कि एलटीटी9779बी के बादल टाइटेनियम और सिलिका से बने हैं। पृथ्वी की सतह के नीचे की परत इन्हीं धातुओं से बनी है।

पृथ्वी से 264 प्रकाश वर्ष दूर

नए ग्रह को वैज्ञानिकों ने एलटीटी9779बी नाम दिया है। यह जिस सितारे का चक्कर लगाता है, वो हमारी आकाशगंगा में पृथ्वी से 264 प्रकाश वर्ष दूर है। यानी इस तारे के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 264 वर्ष का समय लगता है। दावा है कि इस ग्रह का व्यास पृथ्वी से 4.7 गुना ज्यादा है और यह अपने सितारे के बेहद करीब रहता है। उनकी दूरी सूरज और बुध ग्रह की दूरी से भी कम है, जो सौरमंडल में सबसे कम दूरी है। जबकि पृथ्वीं और सूरज के बीच की दूरी एलटीटी9779बी और उसके सितारे से 60 गुना ज्यादा है।

आज तक नहीं खोजा ऐसा ग्रह

फ्रांस की मार्से एस्ट्रोफिजिक्स लेबोरेट्री में काम करने वाले सर्गियो ओयर इस ग्रह के मुख्य शोधकर्ता हैं। उनका दावा है कि आज तक ऐसा कोई ग्रह नहीं खोजा गया है। एक ऐसा ग्रह जो सितारे के इतने करीब है और फिर भी उस पर वातावरण है। अब तक ऐसे जितने भी ग्रह खोजे गए हैं, वे अपने सितारे का चक्कर लगाने में 24 घंटे से कम का समय लेते हैं, उन पर वातावरण मौजूद नहीं है।


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