Health insurance in hindi
हेल्थ इनश्योरेंस का महत्त्व
जीवन में अनहोनी कभी भी बता के नहीं आती है। आजकल की जीवनशैली में घातक जोखिमें शामिल होने के कारण एक हेल्थ इनश्योरेंस योजना का रहना अत्यावश्यक हो गया है। भारत में बीमारियाँ भी अनेक कारकों के कारण ज़्यादा होती है। दिन-दिन चिकित्सालय और मेडिकल सेवाओं की मांग बढ़ रही है, जिसके कारण चिकित्सा खर्च में भी मुद्रास्फीति दिखाई दे रही है, खासकर प्राइवेट अस्पतालों में। यदि किसी के पास कोई बीमा योजना नहीं है और आपको आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता होती है, तो इससे आपकी वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है।
भारत में हेल्थ इनश्योरेंस के प्रकार
एक हेल्थ इनश्योरेंस योजना जो आपकी हर आवश्यकता को पूरा करने में समर्थ हो, ऐसी योजना खरीदने के लिए हमें तरह-तरह के बीमा योजना कि तुलना करना पड़ता है और यह तुलना काफ़ी अहम् भी है।
- व्यक्तिगत स्वास्थ्य बिमा
इस योजना में बीमाधारक को कैशलेस अस्पताल की खर्च, वापसी भुगतान, पूर्व और बाद में अस्पताल में भर्ती होने वाले खर्चों पर मुआवजा, अधिवास उपचार के लिए कवर, आदि का लाभ मिलता है। इंडिविजुअल हेल्थ प्लान ऐड-ऑन कवर और कम प्रीमियम के भुगतान पर मिल जाता है।
- परिवार हेल्थ इनश्योरेंस
इस योजना में बीमाधारक के पूरे परिवार को अकेला प्रीमियम के भुगतान पर ही कवरेज प्राप्त होता है। इस हेल्थ इनश्योरेंस के तहत, एक पूर्वनिर्दिष्ट सुनिश्चित राशि को समान-समान भागों में परिवार के सभी सदस्यों के लिए निर्दिष्ट किया जाता है। इस राशि का दावा परिवार के कोई भी बीमा के अवधि के दौरान एक या एक से अधिक बार कर सकता है। परिवार आरोग्य बीमा में बीमाधारक के साथ-साथ परिवार के हर एक सदस्य को भी बीमारी के खिलाफ आर्थिक कवरेज प्राप्त होता है।
- वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बिमा
वरिष्ठ नागरिक आरोग्य बीमा योजना 60 वर्ष और उससे अधिक के लोगों को कवरेज प्रदान करता है। इस बीमा के अंतर्गत अस्पताल में भर्ती का खर्च, इन-पेशेंट खर्च, ओपीडी खर्च, डेकेयर प्रक्रियाएँ, पूर्व और बाद का अस्पताल के ख़र्च और धारा 80D के तहत कर कटौती लाभ मिलता है।
- गंभीर बिमारी स्वास्थ्य बिमा
यह योजना गंभीर बीमारी जैसे किडनी की बीमारी, पैरालिसिस, कैंसर, दिल का दोहरा, आदि में एकमुश्त राशि का भुगतान करता है। आमतौर पर यह प्लान को राइडर या एकल योजना के रूप में ख़रीदा जाता है। इसमें सुनिश्चित राशि कितना होगा, वह पहले से ही निर्दिष्ट कर दिया जाता है। इस प्लान में बीमाधारक को दावा करने से पहले बीमारी के निदान के पश्चात् एक निर्दिष्ट अवधि तक ज़िंदा रहना पड़ता है।
- प्रसूति हेल्थ इनश्योरेंस
प्रसूति आरोग्य बीमा योजना के अंतर्गत बीमाधारक को मातृत्व के सारे खर्चों जैसे बच्चे के जन्म के पहले और बाद का खर्च, बच्चे की डिलीवरी (नॉर्मल और सीजेरियन) का कवरेज मिलता है। कुछ बीमाकर्तायें नवजात के टीकाओं का कवरेज भी प्रदान करता है। उसके साथ, यह योजना गर्भवती माँ को उसके पसंद के अस्पताल तक ले जाने का ख़र्चा भी प्रदान करता है।
- समूह आरोग्य बीमा
आजकल 80% से अधिक नियोक्ता अपने कर्मियों को हेल्थ इनश्योरेंस का कवरेज प्रदान कर रहे है। यह योजना कर्मी या उसके परिवार के किसी सदस्य के अस्पताल में भर्ती का ख़र्च उठाने में मदद करता है। आपके कंपनी द्वारा दिए जाने वाले मेडिक्लेम को चुनना आपके लिए उचित होगा क्योंकि इस योजनाओं में आपको किसी भी तरह का कोई अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करना नहीं पड़ता है। इस समूह आरोग्य बीमा योजना का प्रीमियम नियोक्ता भुगतान करता है और कर्मी को उसका लाभ मिलता है।
- कोरोनावायरस आरोग्य बीमा
कोविद-19 के प्रकोप के बाद आईआरडीएआई ने कोरोनावायरस से होने वाली खर्चों से जूझने के लिए दो इनश्योरेंस योजनाओं की घोषणा कि गई थी; जैसे कोरोना कवच हेल्थ प्लान और कोरोना रक्षक हेल्थ इनश्योरेंस प्लान। कोरोना कवच पूरे परिवार की सुरक्षा के लिए बनाया गया है और कोरोना रक्षक एक अकेले आदमी या औरत के लिए। दोनों पॉलिसी ही कोविद-19 से होने वाली खर्चें जैसे अस्पताल में भर्ती का खर्च, मास्क, दस्ताने, पीपीई किट, ऑक्सीमीटर, वेंटीलेटर, आदि को कवर करता है। अगर किसी व्यक्ति के पास पहले से ही कोई हेल्थ इनश्योरेंस योजना मौजूद हो तो भी वह यह पॉलिसी अपने और अपने परिवार के लिए खरीद सकता है।
हेल्थ इनश्योरेंस योजनाओं के प्रमुख लाभ
हेल्थ इनश्योरेंस योजनाएँ उन विशेषताओं के साथ आती हैं जिसके द्वारा आपात चिकित्सा स्थितियों से सम्बंधित खर्चों के प्रबंधन में एक व्यक्ति की सहायता कर सकती हैं और साथ ही निवारक स्वास्थ्य देखभाल चेक अप भी कर सकती हैं।
- नकदहीन आरोग्य सेवा
हर मेडिकल बीमा कंपनी किसी न किसी नर्सिंग होम और अस्पताल के साथ जुड़े हुए है और इन अस्पतालों को "एम्पानेलड अस्पताल" कहते है। अगर आप इन अस्पतालों में चिकित्सा कराने जाते है तो आपको कोई ख़र्च नहीं उठाना पड़ेगा। आपको सिर्फ़ अपना पॉलिसी नंबर बताना है और बाकि काम बीमाकर्ता और अस्पताल के अधिकारी ही कर देंगे।
ऐसे बीमा योजनाओं की चाहत अधिक होता है क्योंकि इसमें क्लेम का दावा और दस्तावेज़ों को जमा करने में कोई परेशानी नहीं होती है। लेकिन अगर आपका मेडिकल बिल पूर्वनिर्दिष्ट सब-लिमिट से ज़्यादा हो गया तो आपको बाकि पैसा सीधे अस्पताल में चूका देना होगा और एक ज़रूरी बात यह है कि कंपनी के द्वारा निर्देशित अस्पताल के अलावा दूसरे अस्पतालों में चिकित्सा कराने पर वह ख़र्चा बीमा कंपनी नहीं उठाएगा।
हेल्थ इनश्योरेंस दावा प्रतिपूर्ति के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
- नेटवर्क अस्पताल के द्वारा दिया गया डिस्चार्ज कार्ड
- इन-पेशेंट अस्पताल में भर्ती होने का आधिकारिक हस्ताक्षर के साथ बिल
- डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन और मेडिकल स्टोर का बिल
- दावा पत्र बीमाधारक के हस्ताक्षर के साथ
- वैध जांच रिपोर्ट
- संपूर्ण विवरण के साथ डॉक्टरों द्वारा निर्धारित उपभोग्य और डिस्पोज़ेबल्स सामग्रियों की सूचि
- डॉक्टर के परामर्श का बिल
- पिछले वर्ष और चालू वर्ष के बीमा पॉलिसी की कॉपी / टीपीए की आईडी कार्ड की कॉपी
- टीपीए के द्वारा मांगे गए कोई और दस्तावेज़
सरकारी हेल्थ इनश्योरेंस योजना
सरकारी हेल्थ इनश्योरेंस योजना वह योजनाएँ है जिसे भारतीय सरकार ने समर्थन किया है। इन स्कीमों की घोषणा मुलतौर पर समाज के आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के लिए किया जाता है।
- PMJAY: आयुष्मान भारत योजना
सरकार का PMJAY: आयुष्मान भारत योजना भारतीयों के लिए 50 लाख रुपये तक की हेल्थ इनश्योरेंस कवरेज प्रदान करता है। यह निति दो पहलुओं पर ग़ौर करती है: एक है जिसमें हर परिवार के लिए 5 लाख रुपये तक की इनश्योरेंस कवरेज जिसमें इन-पेशेंट अस्पताल में भर्ती और अन्य देखभाल शामिल है और दूसरा पहलु है लोगों के लिए स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र बनाना। इस स्कीम अभी तक 10 लाख भारतीयों को फायदा मिल चूका है। उपरांत, दिसम्बर 2022 के अंदर 1.5 लाख कल्याण केंद्र की स्थापना भी की जाएगी।
- प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY)
भारतीय सरकार द्वारा समर्थित यह हेल्थ इनश्योरेंस योजना निजी दुर्घटना या दुर्घटना से हुई मौत या विकलांगता पर कवरेज प्रदान करती है। यह पॉलिसी हर एक सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियाँ जो जनरल इनश्योरेंस के उप-डोमेन में हो, उनके द्वारा दी जाती है। आवश्यक अनुमोदन के पश्चात् यह प्लान सभी सार्वजनिक बीमाकर्ता द्वारा बैंक के साथ सम्बन्ध करके देती है। कोई भी व्यक्ति जो 18 से 70 वर्ष के आयु के बीच हो और जिनके पास निर्दिष्ट बैंक का सेविंग्स अकाउंट हो वही इस प्लान को ले सकते है। बैंक अकाउंट और स्कीम के लिए आधार कार्ड ही केवाईसी का काम करेगा।
- राष्ट्रीय हेल्थ इनश्योरेंस योजना
यह स्कीम भारतीय सरकार द्वारा चलाया जाता है और इसे मुलतौर पर भारत के गरीबों के लिए बनाया गया है, यह योजना उन्हें विभिन्न सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में कैशलेस उपचार करवाने का मौका देती है। इस स्कीम की घोषणा 2008 में की गई थी और इसके अंतर्गत अभी तक (फरवरी 2014 तक) 25 राज्यों से 36 मिलियन परिवारों को अंतर्भुक्त कराया गया है। इस प्लान को मिनिस्ट्री ऑफ़ लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट चलाती थी लेकिन अप्रैल 1 2015 में इसका स्थानांतरण मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फॅमिली वेलफेयर में कर दिया गया।
क्योंकि यह प्लान बीपीएल (बिलो पावर्टी लेवल) परिवारों के लिए बनाया गया है, तो उन्हें बायोमेट्रिक-सक्षम स्मार्ट कार्ड मिलता है जिसकी मदद से वे 30, 000 प्रति वर्ष का इन-पेशेंट मेडिकल केयर कवरेज किसी भी इम्पैनलड अस्पताल में प्राप्त कर सकते है। पहले से रहने वाली बिमारियों का कवरेज भी माँ-बाप और अधिकतम तीन बच्चों के लिए रहता है।
- यूनिवर्सल हेल्थ इनश्योरेंस स्कीम (UHIS)
यह स्कीम गरीब लोगों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए बनाया गया है। चार सार्वजनिक जनरल बीमाकर्ता को भारत में शुरू किया है। इस स्कीम में, योग्य परिवारों को मेडिकल ख़र्च पर 30, 000 रुपये तक की प्रतिपूर्ति और दुर्घटना मृत्यु लाभ पर 25, 000 रुपये तक की राशि परिवार में आय करने वाले व्यक्ति को मिलता है।
आय बंद हो जाने पर 50 रुपये प्रति दिन एक परिवार को 15 दिनों के लिए मिलता है। बाद में यह स्कीम को बदला गया और उसके बाद से प्रीमियम सब्सिडी को एक आदमी के लिए 100 रुपये से 200 रुपये और 5 सदस्यों वाले परिवार के लिए 300 रुपये और 7 सदस्यों वाले परिवार के लिए 400 रुपये कर दिया गया है।
- आम आदमी बीमा योजना (AABY)
यह स्कीम भारतीय सरकार ने उन ग्रामवासियों के लिए बनाया है जिनके पास ज़मीन नहीं है। इस प्लान को अक्टूबर 2007 में शुरू किया गया और इसमें एक परिवार के कमानेवाले व्यक्ति को कवर करता है। परिवार को प्रति वर्ष 200 रुपये की प्रीमियम भुगतान करना पड़ता है जो केंद्रीय और राज्य सरकार के बीच बाँट लिया जाता है। इस प्लान को लेने के लिए ग्राहक का आयु 18 से 59 वर्ष के बीच होना अनिवार्य है।
- एम्प्लॉयमेंट स्टेट इनश्योरेंस स्कीम (ESIS)
एम्प्लॉयमेंट स्टेट इनश्योरेंस स्कीम या इएसआईएस उन कर्मियों के लिए बनाया गया है जो गैर-मौसमी कारखानों में जहाँ 10 कर्मियाँ काम करते है। इस बीमा कवरेज को ख़ुद के लिए और परिवार के सदस्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। अभी तक इस पॉलिसी के अंदर 7.83 लाख कारख़ानायें और 2.13 करोड़ परिवार / लोग शामिल हो चुके है। इस प्लान में कुल 8.28 करोड़ लाभार्थी अभी तक है। इस बीमा के लाभ के सूचि में अस्पताल में भर्ती का ख़र्च जिसके साथ किसी बीमारी या विकलांगता के कारण प्रतिदिन नकद लाभ प्राप्त होता है। ESIS के अंतर्गत, कॅश का लाभ दिया जाता है
- 91 दिनों के लिए कुल मजदूरी का 70% बीमारी लाभ
- बीमाधारक के लिए विकलांगता लाभ
- अस्थायी विकलांगता के मामले में अंतिम मजदूरी का 90%
- स्थायी विकलांगता के मामले में कमाई की क्षमता के नुक़सान होने पर समर्थक अनुपात के आधार पर आजीवन नकद लाभ
- मातृत्व लाभ 12 हफ्ते के 100% कमाई के समान
- आरजीएसकेवाई बेकारों के लिए अंतिम कमाई के 50% 1 साल के लिए
- निर्भर लाभ 90% मजदूरी पर
- 10, 000 रुपये तक का श्राद्ध का ख़र्च
अतिरिक्त लाभ
- व्यावसायिक पुनर्वास
- शारीरिक पुनर्वास
सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CHGS)
सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम एक प्रसिद्ध हेल्थ स्कीम है जो भारतीय सरकार द्वारा चालित होता है जिसमें केंद्रीय सरकारी कर्मियों को हेल्थ केयर बेनिफिट दिया जाता है। यह स्कीम पेंशन धारकों को भी कवर करता है, असल में यह एक गणतांत्रिक राज्य का चार खम्भे को ही कवर करता है जैसे विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका और प्रेस। यह व्यापक हेल्थ इन्शुरन्स लाभ के कारण एक अनोखी स्कीम है। वर्त्तमान में, 71 शहरों के 35 लाख के आसपास के लाभार्थियों को सीएचजीएस कवर कर चूका है। सीएचजीएस के तहत एलोपैथिक, होम्योपैथिक, आयुर्वेदा, उनानी, सिद्धा और योगा के उपचारो को कवर किया जाता है।